Honeycomb or wood gras : आजकल बाजार में कूलर में कूलिंग के लिए होनीकॉम्ब नाम का एक कूलिंग पैड आ रहा है। लेकिन बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि ज्यादा कूलिंग किस पेड़ में होती है वुडन ग्रास में या होनीकॉम्ब में। चलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको बताते है…
हनीकॉम्ब कूलिंग पैड अच्छा है?
गर्मी का आलम यह है कि हर कोई ठंडा रहने का जुगाड़ तलाश कर रहा है. कुछ लोगों के घरों में एसी है लेकिन कई लोग अभी भी कूलर का ही इस्तेमाल करते हैं. गर्मी इतनी बढ़ गई है कि बहुत बार कूलर भी घर ठंडा नही कर पाता है. अब जब कूलर की बात चल रही है तो इसमें लगे कूलिंग पैड के बारे में भी जान लेना जरूरी है. बचपन से हम यही देखते आ रहे थे कि कूलिंग पैड के तौर पर इसमें लकड़ी वाली घास लगती है, लेकिन कुछ समय से एक नए प्रकार की कूलिंग पैड “हनीकॉम्ब” भी काफी चर्चा में आ गया है.
आपके कुलर में जो पैड लगी हुई बोहोत अहम है और वो किस मैटेरियल से बनी हुई है ये भी।
क्योंकि कूलर में पानी कूलिंग पैड पर गिरता है जिस से वो गीली हो जाती है, और वही ठंडक हवा के ज़रिए आप तक पहुंचती है।
अब जब से बाज़ार में हनीकॉम्ब कुलर पैड आई है, तब से लोगों को बहुत कंफ्यूजन है कि ठंडी हवा के लिए कौन सा कूलिंग पैड ज़्यादा अच्छा होता है। ज्यादातर कूलर कंपनियों का ये कहना है कि हनीकॉम्ब कूलिंग पैड घास वाली पैड से ज्यादा ठंडक पैदा कर सकते हैं।
Honeycomb पैड्स क्या है?
जैसा कि आपको नाम से ही मालूम हो रहा होगा हनीकॉम्ब पैड की बनावट मधुमक्खी के छत्ते जैसी होती है। ये सेलूलोस मटीरियल से बनता है। यह माना जाता है कि इसमें लंबे समय तक पानी सोखने की क्षमता है, और यह कूलर के द्वारा बाहर से खींची गई गर्म हवा को काफी जल्दी ठंडा कर सकता है।
एयर कूलर में कौन सी घास का उपयोग किया जाता है?
लेकिन, लोगों का एक्सपीरियंस कुछ और ही कहता है। उनका कहना है कि हनीकॉम्ब में बड़े छेद होने के कारण हवा का एक बड़ा हिस्सा तो बिना ठंडा हुए ही कमरे में आ जाता है, इसकी वजह से रूम ज्यादा ठंडा नहीं हो पाता। और ऐसे में कूलर गरम आवश्यक ने लगता है। इसी वजह से माना जाता है ज्यादा गर्मियों के दिनों में हनीकॉम्ब कुछ ज्यादा फायदेमंद नहीं होती।
वहीं, अगर हम लकड़ी की घास वाले कूलिंग पैड को देखें तो इसमें पानी का फ्लो ज़्यादा अच्छे से होता है, इसी वजह से कमरा जल्दी से ठंडा हो जाता है और इसकी कूलिंग भी कमरे में तेजी से फैलती है. क्यूंकि इसमें बड़े छेद भी नहीं होते तो गर्म हवा सीधे क्रॉस नहीं हो पाती. जो भी हवा इस पैड क्रॉस होती है, वह ठंडी होने के बाद ही क्रोस होती है.
दोनों ही तरह की पैड के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। अगर हम हनीकॉम्ब की बात करें तो ये कम मेंटेनेंस वाले होते हैं, और इन्हें 3-4 साल तक आराम से यूज किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर हम लकड़ी के छिलके वाली घास की बात करें, तो इसमें धूल मिट्टी जल्दी जमा हो जाती है, और इसी वजह से हमे इसे हर सीजन बदलना पड़ता है।
गर्मी का सीजन शुरू होने के समय और और गर्मी का सीजन खत्म होने के समय में यदि आप हनीकॉम्ब वाले कूलर का इस्तेमाल करेंगे तो उसकी हवा अच्छी लगेगी. लेकिन भयंकर गर्मी से आपको घास वाली पैड ही बचा सकती है.
वहीं अगर हम इनकी कीमत को देखें तो दोनों के दाम मे जमीन आसमान का फर्क है। हनीकॉम्ब की कीमत 800 रुपये से 1500 रुपये तक होती है। वहीं अगर लकड़ी वाली घास पैड आपको सिर्फ 50 -100 रुपये के बीच आसानी से मिल जाएगी। यानी कि ठंडी हवा के लिए कम खर्चा करने की ही ज़रूरत पड़ेगी।
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